तरबूज में किट प्रबंधन | एकीकृत किट प्रबंधन | IPM in Watermelon



अभी गर्मी का मौसम शुरू होने वाला है और बहोत सारी जगह तरबूज, खरबूज, ककड़ी जैसे बेलवाली सब्जियों की बुवाई चल रही है| कही जगह बुवाई होकर फल लगने भी शुरू हो गए है| इन बेलवाली सब्जियों को गर्मी के दिनों में मार्केट में भी अच्छी डिमांड रहती है तो सही समय पर अगर फसल आ जाये तो किसान इससे अच्छे मुनाफा कमा सकते है| 

   फसल लगाने के बाद उसपर होनेवाला खर्चा सिमित होना जरुरी है| किसी भी फसल में सबसे ज्यादा खर्चा फसल में आनेवाले किट और रोगों का प्रबंधन करने में होता है| तो अगर एकीकृत प्रबंधन विधियों का उपयोग करके शुरुवाती दिनों से ही किट एवं रोगों का अच्छा प्रबंधन कर सकते है| तो आज हम जानते है की तरबूज में आनेवाले कीटों का एकीकृत प्रबंधन कैसे करना है| 


  तरबूज में आनेवाले कीटों का एकीकृत प्रबंधन:-

* खेत की अच्छी जुताई करें ताकि मिट्टी में रहे किट के अवस्थाएँ नष्ट हो| 

* खेत में रहे फसल के पुराने अवशेषों को नष्ट करे| 

* सही समय पर पौधों की बुवाई करे| 

* बुवाई करते समय कीटमुक्त पौधों को लगाए| 

* खेत के चारों ओर पिले और लाल रंग के गेंदे के पौधे लगाए जो फसल में आनेवाले कीटों के लिए ट्रैप फसल का काम करेंगे| 

* किट एवं रोगों के लिए प्रतिरोध किस्मों का चयन करें| 

* फसल में पौधों की बुवाई के बाद ही सफ़ेद मक्खी, माहु, थ्रिप्स जैसे रस चूसक कीटों के लिए पिले और नीले 30 से 40 स्टिकी ट्रैप प्रति एकड़ लगाए और अगर कीटों का प्रकोप अधिक हो तो ट्रैप की संख्या बढ़ाये|

* फसल में रेड बीटल, कीटों के अंडो के गुच्छे, छोटी इल्लियाँ दिखाई देते ही हाथ से इनको नष्ट कर दे| 

* फसल में किट के कारन हुए नुकसानग्रस्त भागों को काटकर फसल के बाहर नष्ट कर दे|

* फसल में शुरुवाती दिनों से NSKE 5% घोल का छिड़काव 10 से 15 दिनों के अंतराल पर करे| जिसके कारन लिफ़ माइनर और रेड पम्पकिन बीटल का प्रतिबन्ध करने में मदद मिलती है|

* माहु के नियंत्रण के लिए तम्बाकू के काढ़े का छिड़काव (1 किलो तम्बाकू को 10 लीटर पानी में 30 मिनट तक उबालकर 30 लीटर + 100 ग्राम तक साबुन डाले)करें। 

* फसल में फल लगने शुरू होते ही फलमक्खी प्रबंधन के लिए मेलन फ्लाई ल्यूर और आईपीएम ट्रैप 10 प्रति एकड़ लगाए| 

* रासायनिक कीटनाशक का प्रयोग तभी करें जब किट आर्थिक नुकसान स्तर के ऊपर चला जाये| 

* रेड पम्पकिन बीटल, अफिड्स के लिए कार्बारिल कीटनाशक का उपयोग कर सकते है| 

* लीफ माइनर के लिए एसीटामिप्रिड 20% एस.पी. या फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% डब्लूपी का इस्तेमाल कर सकते है| 

* पत्ते लपेटकर खानेवाली इल्ली के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट का छिड़काव कर सकते है| 

* अगर माइट्स का प्रकोप दिखाई देता है तो डाइकोफॉल का छिड़काव ले सकते है| 

* रासायनिक कीटनाशक का प्रयोग करते समय लेबल क्लेम की जाँच अवश्य करें| 

सन्दर्भ-TNAU ब्लॉग & इंटरनेट


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